अगर आपको बागवानी पसंद है, तो आपको पैसे की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. वास्तव में, संघीय और राज्य सरकारें लोगों को कृषि के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अलग अलग पहल कर रही है.
ऐसे में बिहार सरकार “छत पर बागवानी योजना” का संचालन करती है. इससे आप सरकारी सहायता से आसानी से घर पर खेती कर सकते हैं और घर पर ताजे फल और सब्जियां खा सकते है. तो आइए जानते हैं इसके लिए कैसे आवेदन करना है.
छत पर बागवानी योजना क्या है?
“छत पर बागवानी योजना'” बिहार सरकार द्वारा संचालित एक योजना है, जिसमें बिहार के लोग छत में फल और सब्जियां लगाने के लिए 75 प्रतिशत अनुदान प्राप्त करके आसानी से बागवानी कर सकते है. उदाहरण के लिए, यदि आप अपनी छत पर खेती पर 10,000 रुपये खर्च करते हैं, तो सरकार आपको सब्सिडी के रूप में 7,500 रुपये देगी. इस योजना का लाभ केवल पटना सदर, दानापुर, फुलवारी और खगौल तथा भागलपुर, गया और मुजफ्फरपुर के निवासी ही उठा सकते है.
इन पौधों को लगाने के लिए मिल रही सब्सिडी
- फल: अमरूद, आम, निम्बू, चीकू, केला, सेब बेर ( 5 पेड)
- इंडोर/प्यूरिफाइंग और शो प्लांट- एरेका पाम, रबर प्लांट/फाइकस लिराटा, स्नेक प्लांट/सेंसवेरिया, डैफॉन (डिफेनबैचिया), मोर पंखी (थूजा एसपीपी), क्रोटन, क्रिसमस प्लांट्स (अराकेरिया), फिकसस्टार लाइट, फिक्स पांडा, सिंगोनियम, एग्लोनिमा, मनी प्लांट (10 पौधे)
- औषधीय/सुगंधित पौधे: पुदीना पौधा (पुदीना), तुलसी, एलोवेरा, अश्वगंधा, स्टीविया, कारी पत्ता, लेमन ग्रास, वासाक ( 5 पौधे)
- स्थायी फूल: एडेनियम, गुलाब, तगर (गंधराज), अपराजिता, चांदनी, हिबिस्कस, बादाम, टिकोमा, बोगेनवेलिया, भूटानी मलिका, बेला/जूही/चमेली
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आवेदन कैसे करें
छत पर बागवानी योजना का लाभ उठाने के लिए आपको बिहार कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://horticulture.bihar.go?v.in/ पर जाना होगा. इसके अलावा किसान अपने नजदीकी कृषि कार्यालय में जाकर इस योजना के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और इसके लिए आवेदन कर सकते है.
छत पर बागवानी योजना के अंतर्गत फार्मिंग बेड योजना और गमले की योजना से जुडी मुख्य बातें
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में छतों पर फल, फूल और सब्जियां उगाना है.
इस योजना का लाभ राजधानी पटना के पटना सदर, दानापुर, फुलवारी और खगौल तथा भागलपुर, गया और मुजफ्फरपुर शहरी क्षेत्र में उठाया जा सकता है.
जिन लोगों के पास अपना घर या 300 वर्ग मीटर के फर्श वाला घर है, वे फार्मिंग बेड योजना से लाभान्वित हो सकते है.
यदि आपके पास अपना घर है और छत पर 300 वर्ग फीट खाली जगह हो, जो बिना किसी रुकावट के हो, तो आप इस योजना का लाभ ले सकते है.
यदि आप अपार्टमेंट में रहते हैं, तो आपको सोसाइटी से एक अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेना होगा.
फार्मिंग बेड योजना के तहत, 300 वर्ग फीट की इकाई की लागत 50,000 रुपये है, जिसमें से 75% (यानी 37,500 रुपये) अनुदान के रूप में सरकार देगी, और बाकी 12,500 रुपये आपको देने होंगे.
गमले की योजना के तहत, प्रति इकाई लागत 10,000 रुपये है, जिसमें से 75% (यानी 7,500 रुपये) अनुदान मिलेगा, और 2,500 रुपये आपको देने होंगे.
आवेदन के बाद, फार्मिंग बेड योजना के लिए 12,500 रुपये और गमले की योजना के लिए 2,500 रुपये का आपका अंश बैंक खाते में जमा करना होगा. इसके लिए आपको बैंक खाता और अन्य विवरण दिए जाएंगे. आपकी राशि जमा होने के बाद ही आगे की प्रक्रिया होगी.
आपको अपने छत पर बागवानी इकाई की देखभाल खुद करनी होगी।
फार्मिंग बेड योजना में, यदि आपके पास खुद का मकान है तो आप अधिकतम 2 इकाई ले सकते हैं, और अपार्टमेंट या अन्य संस्थानों के लिए 5 इकाई तक लाभ मिलेगा। गमले की योजना का लाभ संस्थाओं को नहीं मिलेगा, और एक आवेदक अधिकतम 5 इकाइयों तक इसका लाभ ले सकता है।
चयन के लिए, 78.60% सामान्य जाति, 20% अनुसूचित जाति और 1.40% अनुसूचित जनजाति की भागीदारी होगी। कुल लाभार्थियों में 30% महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।