₹200 की नोटों पर संकट के बादल, सरकार ने बाजार से हटा दिए 163 करोड़ रुपये, क्‍या है पूरा माजरा?

आरबीआई न्यू रूल्स 2024 :  वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण घटना घटी है। जो कई लोगों को ध्यान में नहीं है।
सरकार द्वारा ₹200 का नोटों का बड़े पैमाने पर वापसी हो रहा। इस खबर ने कई लोगों के मन पर चिंता और आशंका की स्थिति पैदा कर दी है।
कुछ समय से भारतीय मुद्रा प्रणाली में कहीं सारे बदलाव देखने को मिल रहे हैं। सबसे पहले 2016 में ₹500 और ₹1000 के नोट रुपए के पुराने नोट बंद किए गए थे। फिर ₹2000 के नए नोट जारी कर दिए गए। जिन्हें अब धीरे-धीरे वापस लिया जा रहा है। इन घटनाओं के बीच ₹200 के नोट भी चर्चा का विषय बन गए हैं। Rbi new rules 2024 note

₹200 के नोटों की वापसी

रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने करीब ₹163 करोड रुपए के मूल्य के ₹200 के नोटों को बाजार से वापस ले लिया है। जो एक बड़ी संख्या है और स्वाभाविक रूप से इसने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
जब वह खबर सामने आई तो कहीं लोगों के मन में तरह-तरह का सवाल जागे थे। कुछ लोगों को लगा कि शायद ₹200 के नोट भी ₹2000 के नोटों की तरह बंद हो जाने वाली है। कुछ लोगोने सोचा कि क्या फिर से कोई नोटबंदी जैसा कदम उठाया जा रहा है। इन सब बातों ने लोगों के मन में कहीं ना कहीं एक अजीब सा डर पेदा हुआ है।

आरबीआई का स्पष्टीकरण

यह सभी चिंताओ के बीचमे आरबीआई ने एक महत्वपूर्ण निवेदन दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि, ₹200 के नोटों को वापस लेने का मतलब बिल्कुल नहीं है कि वह बंद हो जाने वाले हैं।  नहीं यहां किसी तरह की नोटबंदी की तैयारी है। वापसी का असली कारण तो फिर ₹200 के नोट इतने सारे नोट वापस क्यों लिए गए? तो इसका जवाब जनता जानना चाहती है।
आरबीआई के अनुसार इन नोटों को वापस लेने का मुख्य कारण रहा था कि वह खराब हो गए थे। या गंदे हो गए थे। जब कोई नोट बहुत ज्यादा इस्तेमाल होता है। तो वह धीरे-धीरे खराब होने लगता है। कुछ नॉट कट जाते हैं। कुछ फट जाते हैं और कुछ इतने गंदे हो जाते हैं कि उन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है।

₹200 के नोटों का बडा इस्तेमाल

विशेषज्ञों के कहना है कि ₹2000 के नोटबंदी होने के बाद ₹200 का नोट का इस्तेमाल बहुत ही तेजी से बढ़ गया है। लोग छोटे-मोटे लेनदेनके लिए इन नोटों का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। इसका नतीजा ये हुआ कि इस नोटों की गुणवत्ता पर असर पड़ा। यह जल्दी-जल्दी खराब होने लगी।

₹500 के नोटों की स्थिति

₹200 के नोट ही नहीं बल्कि ₹500 के नोट भी इस पर प्रक्रिया से प्रभावित हुए हैं। आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार इसलिए वित्त वर्ष में करीब ₹633 करोड रुपए के मूल्य के ₹500 के नोट को भी वापस लिया गया था।
यह नोट भी खराब या फट कटे-फटे होने के कारण वापस मंगाई गई थी। लेकिन ₹500 के नोटों की वापस में इस साल 50% तक की कमी आई है। यानी पिछले साल की तुलना में इस साल कम ₹500 के नोट वापस लिए गए हैं। दूसरी तरह के ₹200 कि नोटों की वापसी में 110% की बढ़ोतरी हुई है।

क्या ₹200 के नोट बंद हो गए?

यह सवाल कई लोगों के मन में आ रहा है। लेकिन इसका जवाब बिल्कुल साफ है कि सरकार और आरबीआई दोनों ने स्पष्ट कर दिया है कि ₹200 का नोटों को बंद करने की कोई योजना नहीं है और सिर्फ एक सामान्य प्रक्रिया है। जिसमें खराब और टूटी हुई नाटकों को बदला जा रहा है। नोटों की गुणवत्ता बनाए रखने की प्रक्रिया और जो प्रक्रिया वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण है और उसके कहीं फायदे हैं।

₹200 कि नोट वापसीसे फायदा

अच्छी गुणवत्ता वाले नोट जब खराब नोटों को हटाए दिया जाता है। वह उसकी जगह नए नोट आते हैं। तो बाजार में अच्छी गुणवत्ता वाले नोट चलन में आते हैं। इससे लेनदेन में आसानी होती है।जब पुरानी और खराब नोट हटा दिया जाता है तो जाली नोट बनाने वालों के लिए मुश्किल हो जाती है। नई नाटो में बेहतर सुरक्षा विशेषताएं होती है। स्वच्छ मुद्रा से व्यवस्था भी अच्छी बनती है। नए नोटों का चलन बढ़ने से बैंकिंग प्रणाली में भी सुधार होता है। एटीएम और कैश काउंटर पर कम समय मे आती है।

अफवाह से बच्चे

इस परिस्थिति में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें हमें अफवाह से बचना चाहिए। कई बार सोशल मीडिया और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफार्म पर गलत जानकारी फैलाई जाती है। ऐसे में हमें सिर्फ आधिकारिक स्रोतों पर से ही भरोसा करना चाहिए। आरबीआई और सरकार की ऑफिशल वेबसाइट न्यूज चैनलों पर दिए गए बयान या फिर बैंकों द्वारा जारी की गई सूचनाओं पर ध्यान देना चाहिए। अगर कोई शक हो तो अपने नजदीकी बैंक से पूछताछ करनी चाहिए।

सारांश :

₹200 के नोटको वापस लेने की यहां प्रक्रिया वास्तव में एक सामान्य और जरूरी कदम है। इससे हमारी मुद्रा प्रणाली मजबूत होती है। वह अर्थव्यवस्था को फायदा पहुंचता है।
हमें इस बात को समझना चाहिए कि कोई आपातकालीन स्थिति नहीं है। बल्कि या एक नियमित प्रक्रिया है। जो हर देश में होती है। जैसे कि आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि ₹200 कन्वर्ट बंद नहीं हो रहा है और नहीं कोई नोटबंदी की योजना है। यह सिर्फ पूरानी और खराब नोटों के नए और बेहतरीन नोटों में बदलने की प्रक्रिया है।
हमें अभी यह देखना चाहिए कि आज के डिजिटल युग में नकद के अलावा भी कई तरह के भुगतान की विकल्प मौजूद है जैसे यूपीआई, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड जैसे विकल्प का इस्तेमाल करके हम अपने दैनिक लेनदेन को आसानी से कर सकते हैं।
अंत में यहां कहना उचित है कि हमें अपनी अर्थव्यवस्था पर भरोसा रखना चाहिए। आरबीआई जैसे संस्थाए देश के हित में काम कर रही है। हमारा कर्तव्य है कि हम जागरूक रहे। सही जानकारी पर ध्यान दें और अफवाह से दूर रहे। इस तरह हम एक मजबूत और स्थिर अर्थव्यवस्था में निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं।

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