जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (Jio Financial Services) ने सितंबर तिमाही में मामूली वृद्धि दर्ज की। कंपनी का मुनाफा 3% बढ़कर 689 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह 668 करोड़ रुपये था।
मुकेश अंबानी की कंपनी को इस दौरान एक और बड़ी सफलता मिली है। जियो की सहायक कंपनी जियो पेमेंट सॉल्यूशंस लिमिटेड (JPSL) को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम करने की मंजूरी मिल गई है।
शेयर बाजार में असर
इस खबर के बाद निवेशकों ने जियो फाइनेंशियल के शेयरों में खरीदारी शुरू कर दी, जिससे शेयर की कीमत 2% बढ़कर 325.75 रुपये के स्तर तक पहुंच गई। वर्तमान में इसके शेयर का 52-सप्ताह का उच्चतम स्तर 395 रुपये है।
जियो के लिए बड़ा अवसर
यह मंजूरी ऐसे समय में मिली है, जब पेटीएम जैसी बड़ी फिनटेक कंपनियां आरबीआई की नियामक चुनौतियों का सामना कर रही हैं। ऐसे माहौल में जियो के पास डिजिटल वित्तीय सेवा क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने का बड़ा अवसर है।
सेवाओं का विस्तार
जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के तहत आने वाला जियो पेमेंट्स बैंक वर्तमान में बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण और फिजिकल डेबिट कार्ड के साथ डिजिटल सेविंग अकाउंट की सुविधा देता है। इसके 1.5 मिलियन से अधिक सक्रिय यूजर्स हैं।
हाल ही में, कंपनी ने अपना नया और बेहतर जियो फाइनेंस ऐप लॉन्च किया, जिसका बीटा संस्करण 30 मई, 2024 को पेश किया गया था। इसके अलावा, जियो फाइनेंस लिमिटेड होम लोन, संपत्ति पर ऋण और प्रतिभूतियों पर ऋण जैसे उत्पाद भी जल्द लॉन्च करने की तैयारी में है।
सितंबर तिमाही के वित्तीय नतीजे
जियो फाइनेंशियल सर्विसेज की कुल आय सितंबर तिमाही में बढ़कर 694 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल इसी अवधि में 608 करोड़ रुपये थी। हालांकि, कुल खर्च 71 करोड़ रुपये से दोगुना होकर 146 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
निष्कर्ष: आरबीआई की मंजूरी और मजबूत वित्तीय प्रदर्शन से जियो फाइनेंशियल सर्विसेज की डिजिटल फाइनेंस बाजार में बढ़ती पकड़ और भी मजबूत होगी।